चिकन आमतौर पर सस्ता होता है। इसमें चर्बी कम होती है और इसके खाने को लेकर बहुत कम सांस्कृतिक और धार्मिक पाबंदिया हैं। लिहाज़ा ये सबसे अधिक खाया जाने वाला मीट बन गया है। इसके अलावा चिकन में भरपूर प्रोटीन होता है और ये विटामिन और मिनरल का भी अहम स्रोत है। इसमें खास स्तर तक मोनो सेचुरेडेट फैट होता है, जो लोगों के हृदय और दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। लेकिन लोगों का यह बेहद पसंदीदा भोजन कई झूठी मान्यताओं और संदेहों से घिरा है।
स्किनलेस चिकन बेहतर या स्किन सहित?
मिसाल के तौर पर चिकन की खाल में काफी चर्बी होती है। इसलिए अक्सर ये सवाल बना रहता है कि चिकन को स्किन सहित खाया जाए या बगैर स्किन के।
अर्जेंटीना में मीट न्यूट्रिशनल इन्फॉरमेशन सेंटर की न्यूट्रिशनिस्ट मारिया डोलोरेस फर्नांडिस पेजोस ने बीबीसी मुंडो को बताया, "चिकन स्किन में 32 फ़ीसदी फैट होता है। यानी स्किन सहित 100 ग्राम चिकन खाएंगे तो आपके शरीर में 32 ग्राम फैट जाएगा।"
उन्होंने कहा, "चिकन के स्किन में मौजूद फैट में दो तिहाई हिस्सा अनसेचुरैटेड होता है। इस कथित तौर पर "गुड फैट्स" कहा जाता है। यह वसा ख़ून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाता है। फैट का एक तिहाई हिस्सा सेचुरैटेड होता है, जिसे बैड फैट्स भी कहा जाता है। यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।"
पेजोस के मुताबिक, "स्किन सहित मांस खाने पर हर हिस्से के साथ कैलोरी की मात्रा 50 फ़ीसदी बढ़ जाती है। अगर हम स्किनलेस चिकन का छह औंस ब्रेस्ट का हिस्सा खाते हैं तो हमारे शरीर को 284 कैलोरी मिलती है। लेकिन अगर स्किन के साथ चिकन खाया जाए तो 386 कैलोरी मिलेगी।"
यही वजह है कि लोगों को स्किनलेस चिकन खाने की सलाह दी जाती है ताकि अतिरिक्त कैलोरी शरीर में न जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर स्वस्थ और शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्ति जिसका वजन अपनी लंबाई के हिसाब से बिल्कुल ठीक है, वह चिकन बनाने के साथ अलग की गई स्किन, पकाने के समय इसमें डाल सकता है। इससे चिकन ज़्यादा रसदार बनेगा।
चिकन को बार-बार फ़्रीज़ न करें
एक बार चिकन को फ़्रीज़र से निकालने के बाद इसे दोबारा फ़्रीज़ न करने की सलाह दी जाती है। खाना फ़्रीज़ इसलिए किया जाता है कि इसमें सूक्ष्म जीव ने पनप सकें। इसलिए अगर चिकन को बार-बार फ़्रीज़ से निकालेंगे तो इसमें सूक्ष्म जीव पनपने की आशंका रहती है। इसलिए चिकन को दोबारा तभी फ़्रीज़ करें जब ये पक जाए।
चिकन को डी-फ्रॉस्ट का सबसे अच्छा तरीका
फ़्रीज़ चिकन को डी-फ्रॉस्ट करने या बर्फ़ हटाने के लिए कमरे का तापमान आदर्श नहीं है। इसे गर्म पानी में डालना भी सही नहीं है। कमरे के तापमान में इसमें सूक्ष्म जीव पनप सकते हैं।
इसलिए डी-फ्रॉस्ट करने का अच्छा तरीका यही है कि चिकन बनाने से पहले ही चिकन को फ़्रीज़र से निकाला जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि चिकन मीट को कभी भी फ़्रीज़र से निकाल कर कमरे के तापमान पर गर्म होने के लिए नहीं रखा जाना चाहिए।
पीले और गुलाबी चिकन में कौन अच्छा है
चिकन का रंग मुर्गे या मुर्गी के आहार के रंग के पिगमेंट पर निर्भर करता है। मक्का में ज्वार या गेहूं की तुलना में ज़्यादा पिगमेंट होते हैं लेकिन कुछ देशों में चिकन खाने वालों की पसंद का ध्यान रखते हुए मुर्गों के आहार में प्राकृतिक पिगमेंट मिलाया जाता है ताकि इसके मांस का रंग पीला हो। विशेषज्ञों के मुताबिक पीले और सफेद-गुलाबी रंग के चिकन का मांस, दोनों पोषण और दूसरे गुणों में समान होते हैं।